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रविवार, 5 अक्तूबर 2014

नज़ारे ठहर जाते हैं


नजारे ठहर जाते हैं,जमाने ठहर जाते हैं।
मेरे यार के आने पर दिवाने ठहर जाते हैं।
वो देख ले किसी को एक नजर
मदहोश महखाने ठहर जाते हैं।
तुम आओंगी सावन में मुझसे मिलने
यहीं सोच कर मेरी आँखों के अश्क ठहर जाते हैं।

आंखों में आपकी तस्वीर ठहर जाती हैं।
चहरे पर आंसूओं की लकीर ठहर जाती हैं।
तेरी याद आती हैं तो सारी दुनियां को
छोड मेरी नजर तुझ पर ठहर जाती हैं।
कभी तो याद आएगें तुझको तेरे वादे
जिन पर आके मेरी तक्दीर ठहर जाती हैं
              @तरूण कुमार,सावन

1 टिप्पणी:

  1. Every word is an expression Beautiful composition
    मेरे ब्लॉग की नवीनतम रचनाओ को पढ़े और अगर आपको सही लगे तो फॉलोवर बनकर कमेंट के रूप में सुझाव देकर हमारा मार्दर्शन करें !


    संजय भास्कर

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