नेताओं के पास झण्ड़ा
कानून के पास ड़ंडा
फिर भी लोकतंत्र बच्चा
दुश्मन हट्टा-कट्टा।।
हिन्दू-मुसलिम संग-संग
एक रूप एक रंग
दिल के रास्ते तंग
आपसी भाई-चारा
भाई भतिजावाद के आगे अंपग।।
बढती हुई महंगाई
सत्ता से दूर हुई सच्चाई
खादिधारी खा रहें मिठाई
खाकिधारी चाट गए मलाई
जनता की नही होती सुनबाई
घोटाले करते सत्ता के नाई
जनता बचाती पाई-पाई।।
तरूण
कुमार, सावन
द सी एक्सप्रेस समाचार-पत्र में प्रकाशित
सुंदर और सटीक
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंसार्थक और सुंदर | चंद लाइन पर है सब कुछ उसके अंदर ।
जवाब देंहटाएंसटीक व सार्थक पोस्ट
जवाब देंहटाएंआभार
बहुत उम्दा!!
जवाब देंहटाएंपिसती जनता ही है
जवाब देंहटाएंसुन्दर शब्द रचना !!